जैन साहित्य में ध्वनि/शब्द विज्ञान!
जैन साहित्य में ध्वनि/शब्द विज्ञान द्रव्य कर्णेन्द्रिय के आधार से भाव कर्णेन्द्रिय के द्वारा जो ध्वनि सुनी जाय उसे शब्द कहते हैं। यह शब्द अनंत परमाणुओं के पिण्ड (स्कंध) से ही उत्पन्न होता है। अनंत परमाणुओं की पिण्ड, स्वभाव से ही उत्पन्न शब्द योग्य वर्गणायें इस लोक में सर्वत्र व्याप्त हैं। जहाँ-जहाँ शब्द के उत्पन्न…