तीर्थंकर जन्मभूमियाँ संस्कृति की उद्गमस्थल हैं!!
तीर्थंकर जन्मभूमियाँ संस्कृति की उद्गमस्थल हैं! -कर्मयोगी स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी देशभक्ति के गीत की दो पंक्तियों से विषय को प्रारंभ करता हूँ- भरा नहीं जो भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।। अर्थात् भारत की धरती पर जन्मे समस्त मानवजाति के हृदयों को झंकृत…