ऐसी मीठी कुछ नहीं जैसी मीठी चुप!
ऐसी मीठी कुछ नहीं जैसी मीठी चुप बालू जैसी करकरी, ऊजल जैसी धूप । ऐसी मीठी कछु नहीं, जैसी मीठी चुप ।। उपदेशात्मक रूप में लिखी गई उक्त पंक्तियाँ सिर्पक पढ़ने या गाने की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं हैं अपितु हमारे जीवन को सुखमय, शांतिमय बनाने का अद्भूत नुस्खा भी है। इंग्लैण्ड के…