बालिकाओं का जीवन प्रीति, कीर्ति, लता, कुसुमा, सुषमा, सुधा आदि बालिकाएँ आकर आचार्यश्री के, सर्वमुनियों और आर्यिकाओं के दर्शन करके परम विदुषी प्रमुख आर्यिका के पास पहँुचती हैं और उन्हें ‘वन्दामि’ शब्दोच्चारणपूर्वक नमस्कार करके कुछ प्रश्न करती हैं- सभी कन्यायें हाथ जोड़कर-‘‘वन्दामि माताजी!’’ वरदहस्त उठाकर माताजी आशीर्वाद देती हैं। ‘‘सद्धर्मवृद्धिरस्तु’’ पुन: कन्यायें पूछती हैं-‘‘माताजी, आपका…
जानो, अपने राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। राष्ट्रीय ध्वज कैसे निर्मित हुआ इसका एक लम्बा इतिहास है। १९३१ में राष्ट्रीय झंडे का एक नमूना बनाया गया था पर उसे कांग्रेस ने स्वीकार नहीं किया। बाद में उसी वर्ष कांग्रेस ने एक राष्ट्रीय झंडा स्वीकार किया। आजादी के बाद राष्ट्रीय…
धड़कता दिल जीने की निशानी है दिल आपके जीवन की रक्षा करता है आपको अपने दिल की रक्षा करनी है जब हृदय स्वस्थ रहेगा तभी आपके शरीर के अन्य अंग भी सुुचारू रूप से काम कर सकेगे हृदयगति रुकने से शरीर मर जाता है। कैसे बचें हृदय रोग से ? उपाय— १. आधा घंटा सुबह…
पेट में कीड़े – उपचार कई बार किन्ही कारणों से पेट में कीड़े हो जाते हैं जिनसे काफी पीड़ा होती है ” पेट में पाए जाने वाले कीड़ों के सामान्य लक्षण है — सोते हुए दाँत पीसना ,शरीर का रंग पीला या काला होना , भोजन से अरुचि , होंठ सफ़ेद होना , शरीर में…
नायाब नुस्खे— नींबू और नमक के अभिलाषा जैन ‘‘दीप्ति’’ हम सभी जानते हैं कि खाना बिना मीठे के तो पूरा हो सकता है, लेकिन बिना नमक के शुरु ही नहीं होता। ठीक इसी तरह नींबू जो खाने में स्वाद तो बढ़ाता ही है साथ ही हमारी सेहत एवं सौन्दर्य का भी ध्यान रखता है। यहाँ…
नींबू— विविध प्रयोग विटामिन सी से भरपूर नींबू पूरा साल उपलब्ध रहता है। नींबू एक है पर इसका प्रयोग हम विविध रूप से कर अनेक रोगों में इसका लाभ उठा सकते हैं। नींबू एक औषधि के साथ—साथ सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी प्रयोग में लाया जा सकता है। पथरी होने पर:— एक गिलास…
रूस में ३० हजार हीरों वाली चट्टान मॉस्को । रूस की एक खदान में ३० हजार छोटे—छोटे हीरों से भरी अद्भुत चट्टान मिली है। लाल और हरे रंग की यह चट्टान रूस के विशाल उदचनाया हीरा खदान में मिली है। नॉक्सविले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेनिसी के भू—वैज्ञानिक लैरी टेलर ने कहा कि ये ३० हजार…
क्या मुनि रात्रि में बोल सकते हैं? सुधा-माँ! मुझे आज एक बहन ने बताया है कि मुनिराज कारण पड़ने पर रात्रि में भी शिक्षा और उपदेश देते थे। माता-हाँ बेटी, मैं तुझे इस पर एक ऐतिहासिक कथा सुनाती हूँ। सुनो! कौंचपुर के राजा यक्ष सुखपूर्वक राज्य संचालन कर रहे थे। उनके राजिला नाम की रानी…
[[चारणमुनि]] चारणऋद्धिधारी मुनि जो भूमि पर नहीं चलते है,आकाश में विहरण करते है”