कुण्डलपुर का ऐतिहासिक स्वरूप
कुण्डलपुर का ऐतिहासिक स्वरूप-(फरवरी २००३ में प्रस्तुत) -डा. ब्रजेशकुमार ‘वर्मा’, नालंदा (बिहार) जैनियों का संबंध ‘कुण्डलपुर’ से अतिप्राचीन काल से ही रहा था और रहेगा यह ‘कुण्डलपुर’ नगरी ही जैनधर्म के चौबीस तीर्थंकरों में से भगवान महावीर की पावन जन्मभूमि है। वर्तमान में कई आधुनिक इतिहासकारों तथा पुरातत्वविदों ने इस स्थल को दिग्भ्रमित बनाये…