महावीर निर्वाण महोत्सव-दीपावली!
महावीर निर्वाण महोत्सव-दीपावली महावीर ने पावापुर से मोक्षलक्ष्मी पाई थी। इंद्र—सुरों ने र्हिषत होकर, दीपावली मनाई थी।। पावापुर उद्यान मनोहर, योग निरोध किया सुखकार। सिद्धशिला पर हुए विराजित, गूंज उठी प्रभु की जयकार।। इंद्रादिक सुर र्हिषत आये, मन में धारे मोद अपार। महामोक्ष कल्याण बनाया, अखिल विश्व में मंगलकार।। तन कपूरवत उड़ा शेष नख, केश…