फैशन व सौन्दर्य प्रसाधनों के लिए जीव हत्या क्यों ? मानव केवल अपने स्वाद व स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से ही जीव हत्या नही करता, अपितु जाने अनजाने कुछ ऐसी फैशन की वस्तुओं व सौन्दर्य प्रसाधनों आदि का उपभोग भी कर लेता है जिनके बनाने व जांच आदि प्रयोगों में किसी जीव की हत्या होती…
विन्ध्यगिरि पर खड़े गोम्मटेश बाहुबली डग भरने को हैं कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलूर से लगभग १८५ किलोमीटर दूर श्रवणबेलगोल नगर की विन्ध्यगिरि पहाड़ी पर भगवान् गोम्मटेश बाहुबली की मूर्ति पिछले १०२५ वर्षों से कायोत्सर्ग मुद्रा में खड़ी है। अपनी उतंगता, भव्यता और सौम्यता में यह अनुपम और अद्वितीय है। हिमालय के पर्वत—शिखर एवरेस्ट जैसी…
तीर्थंकर माता की सेवा करने वाली श्री आदि देवियाँ जम्बूद्वीप के हिमवान आदि छह कुलाचलों के पद्म आदि सरोवरों में रहने वाली श्री, ह्री, धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी देवियाँ जम्बूद्वीप के भरत-ऐरावत व विदेह क्षेत्रों में होने वाले तीर्थंकरों की माता की सेवा के लिए आती हैं। ऐसे ही पूर्वधातकीखण्ड के सरोवरों की श्री…
ब्राह्मी-सुन्दरी ने दीक्षा क्यों ग्रहण की थी ? महापुराण के अन्तर्गत आदिपुराण ग्रन्थ के अनुसार भगवान ऋषभदेव ने अपनी पुत्री ब्राह्मी-सुन्दरी को युग की आदि में सर्वप्रथम विद्या ग्रहण कराया था अत: वे अपने पिता त्रैलोक्यगुरु के अनुग्रह से सरस्वती की साक्षात् प्रतिमा के समान बन गई थीं। पुन: भरत आदि पुत्रों को भी भगवान…
दिगम्बर जैन आम्नाय में मंत्र व्यवस्था सारांश द्वादशांग जिनवाणी के बारहवें दृष्टिवादांग के १४ पूर्वों में १०वाँ विद्यानुवाद पूर्व है जो तंत्र,मंत्र एवं यंत्र से सम्बद्ध है। आज भी मानव अलौकिक एवं आध्यामिक शक्तियों की आराधना में मंत्रों का प्रयोग करता है किन्तु मंत्र क्या हैं? मंत्रों का स्वरूप एवं उपयोग सा हो? क्या दिगम्बर…