कर्मनिर्जरा व्रत!
कर्मनिर्जरा व्रत विधि एवं कथा व्रतविधि— आश्विन सुदी ५ के दिन इन व्रतिकों को प्रासुक जल से अभ्यंगस्नान करके नया धौतवस्त्र पहनना चाहिए। सब पूजा-सामग्री हाथ में लेकर चैत्यालय में जाकर मंदिर की तीन प्रदक्षिणा करके ईर्यापथशुद्धि आदि क्रिया करके श्री जिनेन्द्र को भक्ति से साष्टांग नमस्कार करना चाहिए। पुन: भूमि शुद्धि करके उस पर…