कालसर्पयोग निवारक भगवान पार्श्वनाथ,जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर तीर्थक्षेत्र -संजय जैन (कानपुर वाले), जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर राजधानी दिल्ली से ११० कि.मी. एवं मेरठ से ४० कि.मी. दूर स्थित श्री दिगम्बर तीर्थ जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर धरती का स्वर्ग (मानव द्वारा निर्मित) माना जाता है। जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी परमपूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा से निर्मित विश्वविख्यात जैन भूगोल की अद्वितीय…
मानवीय आहार एवं शाकाहार अजित जैन ‘जलज’ सारांश मानवीय आहार क्या है और कैसा होना चाहिए ? इस पर प्रस्तुत शोध पत्र में विस्तृत वैज्ञानिक विवेचन किया गया है। समस्त शोध संदर्भ प्रामाणिक पत्र पत्रिकाओं से लिये गये हैं। अधिकांश वैज्ञानिक तथ्य लेखक द्वारा सर्वप्रथम संकलित कर समायोजित किये गये हैं हालाकि अनेक संदर्भों को…
कुण्डलपुर श्रद्धा का विषय है तर्क का नहीं विगत दिनों विभिन्न जैन पत्र-पत्रिकाओं में भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर अथवा वैशाली? पर विभिन्न विद्वानों एवं संतों के विचार, तर्क और प्रमाण, इतिहास, पुरातत्व, भूगोल और आगम के आधार पर देखने को मिले। सभी ने अपने-अपने दृष्टिकोण से कुण्डलपुर (नालंदा) अथवा वैशाली को भगवान महावीर की…
राग-विराग की फाग (काव्य चौबीस व पच्चीस से सम्बन्धित कथा) राजा जितशत्रु बड़े ही विलासी कामुक व्यक्ति थे। एक दो नही अपितु ३६ राजकुमारियों से उन्होंने विवाह किया था! बसंत का सुहावना समय था। कोयल की कूक और सुगन्धित पवन के झोंके कामियों को उन्मत्त करते थे। वस्त्रालंकारों से विरहित वसुन्धरा और पादपवृन्द भी संकोच…
अपनों को न लगने दें दर्द की नजर घर के बड़े यदि दर्द से कराहें तो भला किसे चैन मिलता है, यहां तक कि दादाजी के साथ खेलने वाले छोटू का चेहरा भी मायूसी से मुरझा जाता है। हां, मगर अपने घर में उपलब्ध कुछ चीजों से आप बड़ों को दर्द से छुटकारा दिलाने में…
अपने गुस्से पर कैसे करें काबू गुस्सा अक्ल को खा जाता है। यह सच है कि आपका गुस्सा आपकी जिंदगी खराब कर सकता है। अगर आपको लगता है कि आपको गुस्सा बहुत आता है तो आप उसे कंट्रोल कर सकते हैं। आपके गुस्से को कम करने का भी तरीका है। कुछ बातों का पालन करके…
जैनाचार्यों का वनस्पति ज्ञान प्राचीन काल से ही विभिन्न पुराणों, ग्रन्थों एवं साहित्यिक रचनाओं में वनस्पतियों का उल्लेख होता रहा है। इन वनस्पतियों का वर्णन औषधियों, सौन्दर्य प्रसाधन, कृषि, भवन, शृ्रंगार, वस्त्र, विधि— विधान, संस्कार, अनुष्ठान इत्यादि के रूप में किया जाता है। प्रकृति के अत्यन्त समीप होने से मनुष्य को वनस्पतियों के स्वभाव एवं…
कवलचान्द्रायण व्रत विधि योऽमावास्योपवासी प्रतिपदि कवलाहारमात्र: पुरस्तात्। तद्वृद्ध्या पौर्णमासीमुपवनयुतो न्हासयन्ग्रासमग्रे।। सामावास्योपवास: स भजति तपसश्चंद्रगत्यानुपूर्व्या। चार्व्या चांद्रायणस्य प्रविततयशस: कर्तृण: कर्तृभावं।।८।। (जिनसेनाचार्य विरचित हरिवंश पु. सर्ग ३४) अर्थ— इस कवल चांद्रायण व्रत की विधि को जिनसेन स्वामी ने हरिवंश पुराण में इस प्रकार बताई है कि—अमावस्या को उपवास करके शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को एक ग्रास, द्वितीया को…
समुद्र-यात्रा (काव्य चवालीस से सम्बन्धित कथा) दक्षिण भारत का तत्कालीन प्रसिद्ध बन्दरगाह ‘ताम्रलिप्ति’-संभवत: जिसका आधुनिक नाम तामली है-अपने युग का एक ऐसा बन्दरगाह था जहाँ से सामुद्रिक व्यापार के सभी मार्ग खुलते थे। समुद्रों द्वारा व्यापार यहाँ बहुत प्राचीन काल से चला आ रहा है। भौगालिक अध्ययन करने वालों को परिज्ञात है कि दक्षिणी तट…