कायोत्सर्ग के चार भेद उत्थित-उत्थित, उत्थितनिविष्ट, उपविष्ट-उत्थित और उपविष्ट-निविष्ट। जो साधु खड़े होकर जिनमुद्रा से कायोत्सर्ग कर रहे हैं और उनके परिणाम भी धर्मध्यान या शुक्लध्यान रूप हैं उनका वह कायोत्सर्ग उत्थित-उत्थित है। जो कायोत्सर्ग मुद्रा में तो खड़े हैं किन्तु परिणाम में आर्तध्यान अथवा रौद्रध्यान चल रहा है । उनका वह कायोत्सर्ग उत्थित-निविष्ट है।…
आदर्शों को अपना लूँ रचयित्री-श्रीमती मालती जैन, बसंतकुंज, दिल्ली इस जग में मां की ममता हर किस्मत वालों को मिलती है। माँ होकर भी ममता न मिले यह बात अजब सी लगती है।। बस इसी कहानी का चित्रण इक ग्रंथ रूप बन जाता है। जहँ नहीं ‘मालती’ ममता का, केवल समता ही नाता है।।१।। अपने-अपने…
अहिंसा प्रतिष्ठायां तत्सन्निधौ बैरत्याग (काव्य बाईस व तेईस से सम्बन्धित कथा) जिन-शासन के देवी-देवताओं और अन्य मिथ्यात्वी विषय कषाय युक्त व्यन्तर देवी देवताओं के द्वन्द्व सम्बन्धी अनेक कथानक पाठको ने पढे-सुने होंगे। प्रस्तुत कथा प्रसंग भी लगभग ऐसी ही रोचक घटना का विवरण प्रस्तुत करता है।श्रीमदभट्टाकलंकदेव ने जिस भांति बौद्धमत की अधिष्ठात्री तारा देवी को…
Your Birth celebration had come Your birth celebration had come in,our life Lord Mahavira,Jain Flag hoisted Prabhu Vira-Jain….In our country Bhaarat had born,many Tirthankars there.We are seeing emblems of them,place to place every where-place…Your birth place Kundalpur, we will worship Lord MahaviraJain flag hoisted Prabhu vira…(1)Your honourable Parents’ name was,King Siddharth and Trishla.Your greatness from…
बड़ागाँव —ब्र. कु. अलका जैन (संघस्थ) मार्ग— बड़ागाँव का दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ पहुँचने का मार्ग इस प्रकार है— दल्ली-सहारनपुर सड़क मार्ग से सड़क के किनारे खेकड़ा बस-स्टैण्ड है। खेकड़ा उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले की तहसील बागपत में गुड़, गल्ले की प्रसिद्ध मंडी है। दिल्ली से खेकड़ा…
ज्योतिष मंत्र यंत्र और तंत्र का संक्षिप्त इतिवृत्त —आर्यिका १०५ श्री विशुद्धमति माताजी (प० पू० १०८ आ० श्री शिवसागरजी की शिष्या) वीतरागता, सर्वज्ञता और हितोपदेशिता आदि गुणों से अलंकृत जिनेन्द्र भगवान के मुखारविन्द से निर्गत एवं गणधर देव द्वारा गुम्फित द्वाद्वशांग गत सूर्य प्रज्ञप्ति, चन्द्र प्रज्ञप्ति में तथा त्रिलोकसार आदि ग्रन्थों में सूर्य, चन्द्र एवं…
धार्मिक पहेलियाँ १५१. पाप नशाता पुण्य बुलाता, चउगतियों से हमें छुड़ाता । कितने मंगल कौन बताए, नाम सभी के हमें गिनाएं।। उत्तर— मंगल चार होते है:— १. अरिहन्त मंगल है। २. सिद्ध मंगल है। ३. साधु मंगल है। ४. जिनेन्द्र भगवान द्वारा प्रतिपादित धर्म मंगल है। १५२. देव लोग ही जहाँ हैं जाते, हम तुम…
एक भव में यदि जीव को समाधिमरण की प्राप्ति हो जावे तो सात या आठ भव में वह उत्कृष्ट निर्वाणपद को प्राप्त कर लेता है। मरण के ये सत्रह भेद हैं। अथवा मध्यम रूप से मरण के पाँच भेद हैं-पंडित पंडित, पंडित, बाल पंडित, बाल और बाल बाल|
इनमें पंडितमरण मुनियों को होता है
कुण्डलपुर (नालन्दा) ही महावीर की जन्मभूमि है -पं. लालचंद जैन ‘‘राकेश’’, गंजबासौदा यद्यपि ‘तीर्थ’ शब्द के अनेक अर्थ होते हैं किन्तु लोक में तीर्थ शब्द का अर्थ पवित्र स्थान के रूप में रूढ़ हो गया है। तीर्थ वे स्थान हैं जिनसे संसार समुद्र तिरा जाए। ये स्थान परम पवित्र होते हैं। इन स्थानों की वंदना…