मकान में वास्तु के अनुसार कहाँ क्या बनाये, रखें ? डॉ. एच.सी. जैन (ग्वालियर) उत्तर पश्चिम दिशा मेंआप अपने प्लाट की दिशा खुली रखें। वहाँ स्कूटर, कार रखें। मकान में बड़ी—बड़ी खिड़कियाँ , कूलर और चाहे आप अपना फ्रिज रखें। टेबल के उत्तर पश्चिम में जिन कागजों को जल्दी निपटाना हो, जिनका पेमेन्ट जल्दी करना…
सर्वसंपत् व्रत(पुत्र संपत व्रत) संसार में जितने भी सुख हैं, पुत्रप्राप्ति, सौभाग्य, संपत्ति, आदि भी धार्मिक व्रतों के प्रभाव से प्राप्त होते हैं। सौभाग्यवती महिला पुत्र-पुत्री-संतान सुख की प्राप्ति हेतु व्रत करने की इच्छुक हैं। वे तीर्थंकर भगवन्तों की माता की आराधना करते हुए व्रत करें। ये तीर्थंकर की माता इन्द्रों के द्वारा भी पूज्य…
जैन धर्म संस्कृति का एक सिद्ध क्षेत्र-नरवर नरवर, ग्वालियर का समीपवर्ती एक प्रसिद्ध जैन केन्द्र है। लोदी शासकों के बर्बर आक्रमण से नष्ट हुआ यह कला एंव संस्कृति का केन्द्र सम्प्रति खण्डहर रूप है तथापित इतिहास एवं पुरातत्व विषयक अमूल्य सामग्री को संरक्षित किये हैं। प्रस्तुत आलेख में इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं सांस्कृतिक सम्पन्नता का…
२० – सीता निर्वासन-पुत्र मिलन श्रीरामचन्द्र अपने सिंहासन पर विराजमान हैं। सखियों सहित सीता वहाँ आकर विनय पूर्वक नमस्कार कर यथोचित आसन पर बैठ जाती हैं पुनः निवेदन करती हैं- ‘‘हे नाथ! रात्रि के पिछले प्रहर में आज मैंने दो स्वप्न देखे हैं सो उनका फल आपके श्रीमुख से सुनना चाहती हूँ।’’ ‘‘कहिए प्रिये! वो…
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र आहू —पवन जैन गंगवाल, प्रताप मार्ग, धार (म.प्र.) इन्दौर नगर से ६५ कि.मी. एवं धार नगर से १३ कि.मी. दूर पश्चिम दिशा में श्री संकटमोचन आहू पार्श्वनाथ दि.जैन अतिशय क्षेत्र, आहू में स्थित है। इन्दौर-धार-अहमदाबाद मार्ग से जुड़ा होने के कारण यहाँ आवागमन सुलभ है। मालवा की भूमि पर…