21. बारह अनुप्रेक्षा
बारह अनुप्रेक्षा जो श्रावक गृहस्थाश्रम में ही रहते हुए पंच अणुव्रत आदि व्रतों को पालन करते हैं, उनके वैराग्य जागृत करने के लिए चिन्तवन करने योग्य बारह अनुपे्रक्षाएं हैं अथवा वैराग्य उत्पन्न होने के अनन्तर तीर्थंकरों ने भी इन अनुपे्रक्षाओं का चिन्तवन किया है अत: वैराग्य को जन्म देने के लिए और उनको वृद्धिंगत करने…