मांगीतुंगी से महाराष्ट्र तीर्थ यात्रा हेतु मंगल विहार!
[[श्रेणी:विश्व_की_सबसे_ऊंची_प्रतिमा_का_निर्माण]]
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कन्या भ्रूण हत्या के विरूद्ध विनोद कुमार ‘नयन’ जो बेटी बेटे में भेद करे, अरे वो कैसी महतारी है। जो कोख में बेटी को मारे, वो जननी नहीं हत्यारी है।। पुत्र चाह में पड़कर जो कन्या—भ्रूण हत्या करती हैं। वे जीवन भर पछताती हैं, और घुट—घुट करके मरती हैं।। भ्रूण हत्या जिस माता ने की,…
अभक्ष्य विजय-अभक्ष्य किसे कहते हैं ? संजय-सुनो! हमें जैसा महाराज जी ने बतलाया है, वैसा ही बतलाता हूँ। जो पदार्थ भक्षण करने अर्थात् खाने योग्य नहीं होते हैं उन्हें अभक्ष्य कहते हैं। इनके पाँच भेद हैं-त्रस हिंसाकारक, बहुस्थावर हिंसाकारक, प्रमादकारक, अनिष्ट और अनुपसेव्य। (१) जिस पदार्थ के खाने से त्रस जीवों का घात होता है,…
संरक्षण संवर्धन में प्रतीक्षारत तीर्थक्षेत्र
वेदी-परकोटे में भवनों के चारों तरफ चैत्यवृक्ष हैं प्रस्तुतकर्त्री – गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी तेसिं चउसु दिसासुं जिणदिट्ठपमाणजोयणे गंता। मज्झम्मि दिव्ववेदी पुह पुह वेट्ठेदि एक्केक्का।। २८।। दो कोसा उच्छेहा वेदीणमकट्टिमाण सव्वाणं। पंचसयाणिं दंडा वासो वररयणछण्णाणं।।२९।। गोउरदारजुदाओ उवरिम्मि जिणिंदगेहसहिदाओ। भवणसुररक्खिदाओ वेदीओ ताओ सोहंति।।३०।। तब्बाहिरे असोयंसत्तच्छदचंंपचूदवण पुण्णा। णियणाणातरुजुत्ता चेट्ठंति चेत्ततरूसहिदा।।३१।। चेत्तदुमत्थलरुंदं दोण्णि सया जोयणाणि पण्णासा।…
नंद्यावर्त महल दिगम्बर जैन आगम ग्रंथों के अनुसार भगवान महावीर विहार प्रांत के कुंडलपुर नगर में नंद्यावर्त महल में आज से २६१२ वर्ष पूर्व महाराजा सिद्धार्थ की महारानी त्रिशला के गर्भ से चैत्र कृष्णा तेरस को जन्मे थे। वह कुंडलपुर वर्तमान में नालंदा ज़िले में अवस्थित है ।वहाँ सन् २००२ में जैन समाज की सर्वोच्च…
पुष्पदन्तनाथ जन्मभूमि – काकन्दी (उत्तर प्रदेश) पिता – महाराजा सुग्रीव माता – महारानी जयरामा वर्ण – क्षत्रिय वंश – इक्ष्वाकु देहवर्ण – कुंदपुष्प सम श्वेत चिन्ह – मगर आयु – दो लाख पूर्व वर्ष अवगाहना – चार सौ हाथ गर्भ – फाल्गुन कृ.९ जन्म – मगसिर शु.१ तप – मगसिर शु. १ दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं…