लोक जीवन में सापेक्षता
लोक जीवन में सापेक्षता जीवनलाल शास्त्री, पूर्व प्रधानाचार्य, बाहुबली नगर, ललितपुर’ प्रत्येक वस्तु के निर्णय करने में अनेक दृष्टियों से विचार करना चाहिये। लोक जीवन में यही बात लागू होती है। जैसे कि एक मैला वस्त्र है, वर्तमान में उसकी सफेदी एवं स्वच्छता मैल के कारण से तिरोभूत है। इस समय वह मैला कहा जाता…