क्षमा है अमृत और जहर है क्रोध!
क्षमा है अमृत और जहर है क्रोध आचार्य विमदसागर जी महाराज पर्व का अर्थ है जो हमारी आत्मा को पवित्र कर दें, शुद्ध कर दें, निर्मलता का प्रवेश करा दे, जो हमारी आत्मा को पापों से बचायें, जो हमारी आत्मा को पुण्य का संचय करा दे। ऐसे आत्मिक क्षण ही पर्व कहलाते हैं। आचार्यश्री…