कनार्टक की कुछ विशेष श्राविकाएँ
जैन— संस्कृति का मुकट—मणि—कनार्टक एवं उसकी कुछ यशस्विनी श्राविकाएँ कनार्टक-प्रदेश, भारतीय संस्कृति के लिये युगों-युगों से, एक त्रिवेणी-संगम के समान रहा है। भारतीय-भूमण्डल के तीर्थयात्री अपनी तीर्थयात्रा के क्रम में यदि उसकी चरण-रज-वन्दन करने के लिए वहाँ न पहुँच सकें, तो उनकी तीर्थयात्रा अधूरी ही मानी जायेगी। जैन-संस्कृति, साहित्य एवं इतिहास से यदि कर्नाटक को…