अभूतोद्भावना वचन!
अभूतोद्भावना वचन A lie statement, Non existent. असत्य,जो नहीं है उसको है कहना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अभूतोद्भावना वचन A lie statement, Non existent. असत्य,जो नहीं है उसको है कहना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अप्रयत Non – vigilance, Carelessness. अयात्नाचार ,प्रमाद,असावधानी । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
दशलक्षण भक्ति: (वसंततिलका छंदः) योगी क्षमागुणमयो भुवनैकबंधुः। क्रोधं निहत्य निज शांतरसे निमग्नः।। स्वात्मैकजन्यपरमामृतसंप्रतृप्तः। तं योगिनं हृदि दधे परमां क्षमां च।।१।। भावो मृदोर्भवति मार्दवधर्म एषः। अष्टौ मदानपि निरस्य विभाति साधौ।। वश्यं करोति भुवनं विनयैश्चतुर्धा। तं योगिनं हृदि दधे वरमार्दवं च।।२।। मायामपास्य सरलं कुरुते त्रियोगं। एकाग्रध्यानमपि साम्यतया विधत्ते।। मुक्तिर्भवेत् ऋजुगतेः खलु तस्य साधोः। तं योगिनं हृदि दधे…
अमूर्त Formless, without body, Intangible. जो दृश्यमान न हो,जिसमें स्पर्श,रस ,गंध,वर्ण गुण नहीं पाया जाता हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अमुख्यमंगल Auspicious articles. गौण मंगल,पीली सरसों,पूर्ण कलश,वंदनमाला,छत्र,दर्पण,उत्तम जाति का घोड़ा,कुंवारी कन्या आदि ये अमुख्य मंगल है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अमृतकल्प Edible food; name of a dominion of Chakravarti. चक्रवर्ती की ४९ विभूतियों में ‘खाद्य पदार्थ का नाम’। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
अपुनरुकता अक्षर The words which are not repeated again. जो अक्षर दुबारा न आवे,अक्षरात्मक श्रुतज्ञान में जितने जिनवाणी के अक्षर हैं वे ‘अ’ आदि अक्षर के संयोगादी करने से बनते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अपाप State of sinlessness, The 13th predestined Tirthankara (Jaina – Lord). पाप रहित अवस्था,भावी तेरहवें तीर्थंकर,अपर नाम ‘निष्पाप’ व ‘पुण्यमूर्ति’हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
अमृतसेन (आचार्य) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Subalsagar Maharaj. आचार्य श्री सुबलसागर महाराज के शिष्य(ई.श.२०-२१) । [[श्रेणी:शब्दकोष]]