चौरासी लाख योनि भ्रमण निवारण व्रत -गणिनी आर्यिकाश्री ज्ञानमती माताजी व्रत विधि-अनादिकाल से सभी संसारी प्राणी चौरासी लाख योनियों में परिभ्रमण करते आ रहे हैंं। उन चौरासी लाख योनि के भ्रमण से छूटने के लिए यह ‘‘चौरासी लाख योनिभ्रमण निवारण व्रत’’ है। इसके करने से व प्रतिदिन इन योनियों के भ्रमण से छूटने की भावना…
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मोक्षमार्ग में ‘नियति, प्रधान है कि पुरुषार्थ? बाबूलाल जैन १. ‘नियति. का प्रतिपादक : नियतिवाद गोम्मटसार कर्मकाण्ड में आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती ने चौदह गाथाओं (876-889) द्वारा तीन सौ तिरेसठ एकान्तमतों का संक्षिप्त निरूपण किया है । उसी प्रकरण के अन्तर्गत वे नियतिवाद नामक मान्यता का कथन इस प्रकार करते है “ जत्तु जदा जेण जहा…