दया और करुणा!
दया और करुणा कलकत्ता नगरी। एक आदमी घूमने निकला। रास्ते में एक बूढ़े को चिंता में मग्न सिर झुकाये देखा तो उनसे रहा नहीं गया। हमदर्दी से पूछा—भाई तुम इतने परेशान क्यों हो ? बूढ़े ने अनजान व्यक्ति को अपना दुखड़ा सुनाना उचित न समझ कर टालने की कोशिश की। परन्तु आगन्तुक ने और अधिक…