श्री पंचपरमेष्ठी स्तोत्र (बृहत्)!
श्री पंचपरमेष्ठी स्तोत्र (बृहत्) शंभु छंद अर्हन् के छ्यालिस गुण सिद्धों, के आठ सूरि के छत्तिस हैं। श्री उपाध्याय के पंचवीस, गुण साधु के अट्ठाइस हैं।। पांचों परमेष्ठी के गुणगण, एक सौ तेतालिस बतलाये। जो इनका नाम स्मरण करे, वह झट भवदधि से तर जाये।।1।। (चाल-हे दीनबन्धु—-।) जैवंत अरिहंत देव, सिद्ध अनंता।…