भगवान मल्लिनाथ चालीसा
				श्री मल्लिनाथ चालीसा दोहा शान्ति-कुन्थु-अरनाथ को, वंदन शत-शत बार।   पुन: मल्लिजिनराज के, चरणानि करूँ प्रणाम।।१।।   काम-मोह-यममल्ल के, जेता आप प्रसिद्ध।   इसीलिए तुम चरण में, नमस्कार है नित्य।।२।।   हे भगवन्! दो शक्ति मम आत्मा निर्मल होय।   जग के सब दुख दूर हों, सुख की प्राप्ती होय।।३।।   चौपाई जय प्रभु मल्लिनाथ...			
		 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			