ज्ञानमती माँ को वंदन कर लो!
ज्ञानमती जी को वंदन ज्ञानमती जी को वंदन कर लो, सबहिं पाप कट जावेंगे-२ ।। टेक.।। मस्तक में अज्ञान भरा है, श्रुत का सार नहीं भाता। गुरु चरणों में शीश झुका लो, सबहिं पाप कट जाएंगे।।१।। कर्णेन्द्रिय को अब जिनवाणी, सुनने का अभ्यास नहीं। ज्ञानमती जी का प्रवचन सुन लो, सबहिं पाप कट जाएंगे।।२।।…