अरे माता! तेरे ज्ञान की महिमा जगत में छाई है भारी!
अरे माता! तेरे ज्ञान की तर्ज—सावनी गीत…… अरे माता! तेरे ज्ञान की महिमा जगत में छाई है भारी।। टेक.।। सोलह सिंगार की उमर जब आई। मन में विरागी धुन थी समाई।। अरे माता! छोड़ा कुटुम्ब परिवारा, बनी इक जोगन सुकुमारी।।१।। ब्राह्मी न देखी हमने चंदना न देखी। राजुल न देखी हमने सीता न…