13. ‘‘तदिये अतिथिसंविभागो।’’
‘तृतीय अतिथिसंविभाग… ’ अमृतर्विषणी टीका तृतीय अतिथिसंविभाग शिक्षाव्रत— यहां विशेष अर्थ का विवेचन करते हैं— तृतीय अतिथिसंविभागव्रत में दान के चार भेद माने हैं— आहार दान औषधी दान, और शास्त्रदान आवास दान। ये अतिथी संविभाग व्रत के, चउ भेदरूप हैं चार दान।। प्रासुक भोजन औषधियों से, श्रावकजन मुनि को स्वस्थ करे। पिच्छी शास्त्रादी दे उनको,…