05. विदिए गुणव्वदे विविध—अणत्थदण्डादो वेरमणं।
‘‘विदिए गुणव्वदे विविध—अणत्थदण्डादो वेरमणं।’’ अमृतर्विषणी टीका अनर्थदण्डविरति गुणव्रत जो अनर्थ अर्थात् बिना प्रयोजन ही दण्ड अर्थात् जीवों की हिंसा के कारण हों, उनसे विरति करना ही अनर्थदण्डविरति नाम का व्रत है। अनर्थदण्ड के ५ भेद— पापोपदेश औ हिंसा के , उपकरण दान अपध्यान तथा। चौथा है दु:श्रुति नाम लहे, पंचम प्रमादचर्या विरथा।। इस विध से…