42. ध्वज गीत
ध्वज गीत तर्ज-फूलो सा……. केशरिया झण्डा मेरा, जिनमत की पहचान है। साथिया निशान है, जैनियों की शान है, उत्सव का सम्मान है।।टेक.।। जिनवर के मंदिर शाश्वत बने जो, उन सबपे भी ध्वज लहराते हैं। रत्नों से निर्मित फिर भी हवा के, चलने से वे ध्वज लहराते हैं।। देव जहाँ जाते, कीर्ति प्रभु की…