धरणेन्द्र देव की मंगल आरती
धरणेन्द्र देव की मंगल आरती तर्ज—मैं तो............. मैं तो आरती उतारूं रे, धरणेन्द्र देवा की जय जय धरणेन्द्र देव, जय जय जय-२।।टेक.।। पार्श्वनाथ के शासन देव, महिमा जग न्यारी। सम्यग्दर्शन से हो परिपूर्ण, सब संकट हारी।। सुख के प्रदाता हो, मनवांछित दाता हो, इच्छा करो पूरी, भक्त की इच्छा करो पूरी।। मैं तो आरती उतारूं...