आओ रे आओ रे, सब मिल के आओ!
आओ रे आओ रे सब मिल के आओ तर्ज कान्ची हो कान्ची रे…….. आओ रे आओ रे सब मिल के आओ, प्रभु जी का उत्सव मनाओ रे। हो……….. गाओ रे गाओ रे सब मिलके गाओ, पुष्पदंतनाथ गुण गाओ रे।। हो……।।टेक.।। नवमें तीर्थेश जो जगत् ईश हैं, पुष्पदंत प्रभु का मस्तकाभिषेक है। स्वर्ण…