आजादी के पचास वर्ष और भारतीय पशुधन कु. गायत्री शर्मा’ डॉ. देवकरण शर्मा, १२९, बहादुरगंज उज्जैन—४५६००१’ अर्हत् वचन अक्टूबर १९९७ पे. नं. ५७-७२’ गोरक्षा एवं माँस निर्यात के विशेष सन्दर्भ में यथां सर्वमिदम् व्याप्तम जगत् स्थावर जंगमम् । ताम् धेनु: शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम् ।। महाभारत अर्थात् सम्पूर्ण चल—अचल जगत को जिसने धारण किया है,…