बारह अनुप्रेक्षा (संस्कृत, हिन्दी, मराठी, कन्नड़)
बारह अनुप्रेक्षा (संस्कृत, हिन्दी, मराठी, कन्नड़) इसमें संस्कृत की बारह भावनाएँ श्री अमृतचंद्रसूरि कृत हैं। हिन्दी व कन्नड़ भावनाएँ मेरे द्वारा (गणिनी ज्ञानमती द्वारा) रचित हैं एवं मराठी भावना के कर्ता का नाम अज्ञात है। ये भावनाएँ तत्त्वार्थसूत्र में कथित भावनाओं के क्रम से हैं। अध्रुव अनुप्रेक्षा (अनित्य भावना) श्री अमृतचन्द्रसूरि कहते हैं- क्रोड़ी करोति…