क्षुल्लक श्री १०५ शमदम सागर जी महाराज पूर्व का नाम : व्रती श्री सटरूलाल जी जैन पिता का नाम : श्री मुन्नालाल जैन माता का नाम : …
समाधिस्थ क्षुल्लिका श्री १०५ संयमश्री माता जी पूर्व का नाम : श्री बेनीबाई जी जन्म दिनांक / तिथि १९०५ में …
समाधिस्थ क्षुल्लिका श्री १०५ आत्मश्री माताजी पूर्व का नाम : ब्रह्मचारिणी रत्ती बाई जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री मुन्नालाल जी जैन माता का नाम : स्व. श्रीमति सोना बाई जी जैन पति का नाम…
समाधिस्थ क्षुल्लिका श्री १०५ समाधिश्री माताजी पूर्व का नाम : श्री दरखा बाई जी जैन (मेहता) पिता का नाम : श्री सुखलाल जी जैन (मेहता) माता…
सर्वोच्च जैन साध्वी गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा ६ मार्च २०१७ को ऋषभदेवपुरम्, मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र से महाराष्ट्र तीर्थ यात्रा हेतु हुए ऐतिहासिक मंगल विहार के संदर्भ में प्रस्तुत महाराष्ट्र तीर्थ यात्रा (काव्य कथानक) -आर्यिका चन्दनामती तर्ज-राम जी की निकली सवारी….. महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा, जिनशासन की है कीर्तियात्रा। गणिनीप्रमुख ज्ञानमती माताजी की बनी ऐतिहासिक ये…
मुक्तक -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती अन्न का हर दाना, शालिधान्य नहीं होता। हर मानव का बना इंसान नहीं होता।। प्रत्येक व्यक्ति का खजाना पुण्यवान नहीं होता। ऐसे ही बंधुओं! तुम्हें भी ध्यान रखना है, हर पर्वत के पाषाण का दाना भगवान नहीं होता।। कविता जरा सोचो बनी कैसे ऋषभगिरि पर ऋषभ प्रतिमा। जहाँ पर मार्ग, भी…
१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा के संदर्भ में मूर्ति निर्माण की पावन प्रेरिका गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा समस्त दिगम्बर जैन समाज के नाम प्रदत्त अमृत संदेश अनादिनिधन जैनधर्म व शाश्वत जिनशासन के श्रद्धालु भक्तों! ऋषभगिरि-मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र में निर्मित प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की सर्वोच्च दिगम्बर जैन प्रतिमा जैन संस्कृति एवं भारतीय संस्कृति की…