11. सामायिक व्रत का लक्षण
चार शिक्षाव्रत के अन्तर्गत ११. सामायिक व्रत का लक्षण (देवपूजा एवं सामायिक की विधि) (श्री वामदेव विरचित भावसंग्रह ग्रंथ के आधार से) सामायिकं प्रकुर्वीत कालत्रये दिनं प्रति। श्रावको हि जिनेन्द्रस्य जिनपूजापुर:सरम्।।१।। जिनपूजा प्रकर्तव्या पूजाशास्त्रोदितक्रमात्। यया संप्राप्यते भव्यैर्मोक्षसौख्यं निरन्तरम्।।२।। तावत्प्रात: समुत्थाय जिनं स्मृत्वा विधीयताम्। प्राभातिको विधि: सर्व: शौचाचमनपूर्वकम्।।३।। तत: पौर्वाण्हिकीं सन्ध्याक्रियां समाचरेत्सुधी:। शुद्धक्षेत्रं समाश्रित्य मंत्रवच्छुद्धवारिणा।।४।। पश्चात्…