भगवान बाहुबलि का चरित्र काव्य
भगवान ऋषभदेव के द्वितीय पुत्र भगवान बाहुबलि का चरित्र काव्य -गणिनी ज्ञानमती (चौबोल छंद) श्री जिन श्रुत गुरु वंदन करके वृषभदेव को नमन करूँ। गुणमणि पूज्य बाहुबलि प्रभु के चरण कमल का ध्यान करूँ।। श्री श्रुतकेवलि भद्रबाहु मुनि चन्द्रगुप्त नेमीन्दु नमूँ। शांति सिंधु गणि वीर सिंधु नमि बाहुबली शुभ चरित कहूँ।।१।। युग की आदि में…