19. मोक्षमार्ग के लिए रत्नत्रय की उपादेयता
जैसा कि कहा गया है |-“सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्राणि मोक्षमार्ग:” अर्थात् सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान -सम्यग्चारित्र रूप रत्नत्रय की एकता ही मोक्ष को ले जाने वाला समीचीन मार्ग है | इस रत्नत्रय के ब्यवहार एवं निश्चय ऐसे दो भेद ग्रन्थ में वर्णित है ब्यवहार रत्नत्रय ही निश्चयनि रत्नत्रय के लिए कारण माना जाता हैं