सात शीलव्रत
सात शीलव्रत दिग्देशानर्थदण्डविरति सामायिकप्रोषधोपवासोपभोगपरिभोगपरिमाणातिथिासंविभागव्रत संपन्नश्च।।२१।। वह गृहस्थ दिग्विरति, देशविरति, अनर्थदण्डविरति, सामायिक, प्रोषधोपवास, उपभोग-परिभोगपरिणाम और अतिथिसंविभागव्रत से भी युक्त होता है। इन सात व्रतों में प्रारंभ के तीन को गुणव्रत और अंत के चार को शिक्षाव्रत कहते हैं। इन्हें शीलव्रत भी कहते हैं क्योंकि ये पांच अणुव्रतों की रक्षा करने वाले हैं। १. दिग्विरति-दिशाओं में जाने-आने…