आर्यिका श्री १०५ संगतमति माता जी पूर्व का नाम : ब्रह्मचारिणी सूर्यकुमारी (दीदी) पिता का नाम : श्री अपौडे राज जी जैन माता का नाम : …
समाधिस्थ एलक श्री १०५ नि:शंकसागर जी महाराज पूर्व का नाम : बा.ब्र. महेश जी जैन पिता का नाम : स्व.श्री राजधरलाल जी…
एलक श्री १०५ दयासागर जी महाराज पूर्व का नाम : बा.ब्र. सतीश जी जैन पिता का नाम : स्व. श्री प्रभा चन्द्र जी जैन माता का नाम : …
शासकीय शिलालेख भारत देश का विश्वप्रसिद्ध कीर्तिमान ; १०८ फुट भगवान ऋषभदेव ऋषभगिरि-मांगीतुंगी ‘‘यह शिलालेख महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से नासिक प्रशासन के पी.डब्ल्यू.डी. विभाग ने विभिन्न चार स्थानों पर लगाया है। १. पर्वत की तलहटी (ऋषभदेव उद्यान) मेें, २. गाड़ी से जाने वाले मार्ग में पर्वत के प्रवेश द्वार (निकट शांतिनाथ उद्यान) पर, ३….
महाराष्ट्र के इतिहास में प्रथम बार जैन समाज को शासन का ऐतिहासिक सहयोग ऋषभगिरि, मांगीतुंगी के पर्वत पर २० साल की कड़ी मेहनत के उपरांत जब प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की १०८ फुट उत्तुंग प्रतिमा अखण्ड पाषाण में निर्मित हुई, तो सम्पूर्ण विश्व की नजरें इस आश्चर्यकारी कीर्तिमान की ओर आकर्षित हो गई। भारत देश…
महोत्सव में पधारे महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री हरिभाऊ जी बागड़े द्वारा प्रदत्त सम्भाषण (११ फरवरी २०१६, उद्घाटन अवसर) सप्तम पट्टाचार्य श्री अनेकांतसागर जी महाराज, आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी, आर्यिका श्री चंदनामती माताजी, पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी, समस्त आचार्यगण, मुनिगण, आर्यिकाएं, माताजी और इस कार्यक्रम में शामिल हुए भक्तजन व यहाँ की विधायिका दीपिका चव्हाण जी…