ईश्वर
ईश्वर केवल ज्ञानादि गुण रूप ऐश्वर्य से युक्त होने के कारण जिनके पद की अभिलाषा करते हुए देवेन्द्र आदि भी जिसकी आज्ञा का पालन करते हैं अत: वह परमात्मा ईश्वर होता है । अपनी स्वतन्त्र कर्ता कारण शक्ति के कारण आत्मा ही ईश्वर है । जैन धर्म चूंकि कर्म सिद्धान्त को मानता है अत: उसके…