पिंडशुद्धि अधिकार
(६) पिंडशुद्धि अधिकार दिगम्बर साधु संयम की रक्षा हेतु शरीर की स्थिति के लिए दिन में एक बार छ्यालीस दोष, चौदह मल दोष और बत्तीस अंतरायों को टालकर आगम के अनुकूल नवकोटि विशुद्ध आहार ग्रहण करते हैं। उसी को पिंडशुद्धि या आहार शुद्धि कहते हैं। उग्गम उप्पादण एसणं च संजोजणं पमाणं च। इंगाल धूम कारण…