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कमल मंदिर कमल मंदिर में विराजमान कल्पवृक्ष भगवान महावीर की अतिशयकारी, मनोहारी एवं अवगाहना प्रमाण सवा दस फुट ऊँची खड्गासन प्रतिमा सर्वप्रथम फरवरी सन् 1975 में इस प्रतिमा की प्रतिष्ठा होने के बाद ही क्षेत्र का विकास प्रगति को प्राप्त हुआ और आज भी जम्प ही नहीं अपितु पूरे हस्तिनापुर में तीर्थ विकास के…
भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर (नालंदा-बिहार) का विकास भगवान महावीर के 2600 वें जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर पूज्य माताजी ने उनकी वास्तविक जन्मभूमि कुण्डलपुर (नालंदा) के उपेक्षित स्वरूप को विकसित करने की प्रेरणा देकर वास्तव में जैन समाज पर महान उपकार किया है। वहाँ लघुकाय प्राचीन मंदिर में कीर्तिस्तंभ का निर्माण करके दिगम्बर जैन त्रिलोक…
राजगृही तीर्थ परिचय बीसवें तीर्थकर भगवान मुनिसुतनाथ के जन्म से पवित्र राजगृही नगर बिहार प्रान्त के नालंदा जिले मे स्थित है। भगवान मुनिसुक्न नाथ ने राजराही के राजा सुमित्र की महारानी सोगा की पवित्र कुक्षि से वैशाख कृ. 12 के दिन जन्म लिया। इनके गर्भ जन्म, तप, ज्ञान इन चार कल्याणको से पावन राजगृही तीर्थ…
जम्बूद्वीप, तेरहद्वीप एवं तीनलोक रचना (संक्षिप्त परिचय) हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप रचना में- १. सुदर्शनमेरु नाम से सुमेरु पर्वत एक है। २. अकृत्रिम ७८ जिनमंदिर में ७८ जिनप्रतिमाएँ हैं। ३. १२३ देवभवनों में १२३ जिनप्रतिमाएं विराजमान हैं। ४. श्रीसीमंधर आदि तीर्थंकर के ६ समवसरण हैं। ५. हिमवान आदि ६ पर्वत हैं। ६. भरत, हैमवत, हरि,…
अतिशय क्षेत्र बाहुबली (कुम्भोज) दक्षिण भारत के कोल्हापुर जिले में यह क्षेत्र स्थित है। करीब ढाई सौ साल पहले नान्द्रे गाँव के पूज्य मुनि श्री १०८ बाहुबली महाराज यहाँ तपस्या एवं ध्यान करते थे। उनकी त्याग-तपस्या के प्रभाव से हिंसक शेर आदि उन्हें व किसी भी दर्शनार्थियों को नहीं देते थे, इसी कारण यह…