कैलाश पर्वत : जीवन्त दर्शन
कैलाश पर्वत : जीवन्त दर्शन विक्रम संवत् १८०६ में ब्र. लामचीदासजी ने भगवान् ऋषभदेव की निर्वाणभूमि एवं भरत चक्रवती द्वारा बनवाये ७२ जिनालयों के दर्शन करने का दृढ़ संकल्प किया। अपनी संकल्प शक्ति के सहारे चीन, तिब्बत आदि बहुत से देशों का भ्रमण करते हुए एक ऐसे स्थान पर जा पहुँचे जहाँ से अब आगे…