सुनते हैं चन्दा की शीतल, किरणों से अमृत झरता है!
सुनते हैं चन्दा की सुनते हैं चन्दा की शीतल, किरणों से अमृत झरता है। चाँदनी स्वयं विकसित करके जग को आलोकित करता है।। कुछ मन्द मन्द मुस्कान लिये, मानो वह हमें बुलाता है। जग को आलोकित करने का, वह पाठ हमें सिखलाता है।।१।। उस चन्द्र चाँदनी की शीतल, छाया मैना को प्राप्त हुई। निज…