२६ राम को केवलज्ञान व निर्वाण
राम को केवलज्ञान व निर्वाण सीता का जीव प्रतीन्द्र अपने अवधिज्ञान से उन्हें देखकर स्नेह से आद्र्र हो वहाँ आता है और सोचता है कि ‘‘मैं इन्हें ध्यान से विचलित कर दूं तो ये मोक्ष न जाकर स्वर्ग में आ जावेंगे। यहाँ पर हमारे से मित्रता को प्राप्त होंगे। चिरकाल तक हम दोनों मेरु, नन्दीश्वर…