शाकाहार एवं पर्यावरण संरक्षण निहालचंद जैन अर्हत् वचन २००१ प्राक्कथन पर्यावरण असन्तुलन आज की एक विश्वव्यापी ज्वलन्त समस्या बनी हुई है। पर्यावरण का अर्थ है— जीव—सृष्टि एवं वातावरण का पारस्परिक आकलन, जिसमें समस्त प्राणी, आबोहवा, भूगर्भ और आसपास की परिस्थिति विषयक विज्ञान का समावेश होताहै। व्यापक दृष्टि से देखें तो इसमें केवल मानव, पशु—पक्षी, जीव…
वर्तमान परिवेश में अहिंसा श्री पं. राजेन्द्र कुमार जी जैन, शाहपुर—मगरौन (सागर) म. प्र.)’ वीतराग वाणी नवम्बर, दिसम्बर २०१४ पेज नं० १९ से २० तक’ महावीर का जन्म अतिशयों से भरा रहा है। महावीर के गर्भावतरण के पूर्व छह माह से रत्नों की वर्षा प्रारम्भ हो गई थी। जो किसी कौतुहल से कम नहीं थी।…
मिलावट आप की जिन्दगी में घोल रहा है जहर क्या आप और आप का परिवार मिलावट के दानव से सुरक्षित है ? कतई नहीं हो सकता ! मिलावट करने का मकसद है मुनाफा कमाना, और मिलावटखोरों को आम आदमी की सेहत और जान से कोई लेना—देना नहीं है। इस कारण के चलते मिलावटखोर मूलभूत घरेलू…
मानवीय अस्तित्व का आधार ‘शाकाहार’ भारत के सभी धर्मों के मूल में ‘अहिंसा परमो धर्म:’ की मूल भावना समाहित है। जीव हिंसा क्रूरता का परिचायक है। धर्म की मूल धारणा को स्वीकारें और जीव हिंसा से बचें, यही पावन संदेश निहित है सभी धर्मों में….. राजा अभिषेक जैन, छात्र इंजीनियिंरग कालेज, जबलपुर रूपदेखा: प्रस्तावना शाकाहार…
”शाकाहार सर्वोत्तम आहार है” शाकाहार की खोज( पुस्तक ) ‘‘जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन’’ यह उक्ति इस तथ्य को रेखांकित करती है कि आपका खानपान जैसा होगा आपके मन में भी वैसा ही प्रभाव परिलक्षित होगा। क्योंकि भोजन से शरीर में शक्ति का निर्माण होता है क्रूरतम खाद्य पदार्थों के सेवन से क्रूरतम मन…
हिंसक वस्तुए जिन्हें नहीं खाना है आइसक्रीम का त्याग इसमें ५५% हवा तथा ३५ % गंदे पानी को पैसा देते हैं मांसाहारी अंग जैसे पशुओं के नाक, कान, गुदा के भाग जो कत्लखानों की फर्श पर दुर्गन्धयुक्त हालत में पड़े रहते हैं, इनसे आइसक्रीम की ऊपरी परत बनाई है ताकि मुंह में जाने के साथ…
शाकाहार बनाम अहिंसक आहार सारांश वर्तमान में मूलतया कृषि से उपलब्ध शाकाहार को अहिंसकाहार नहीं माना जा सकता। कृषि कार्य में जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई तक अनन्त पृथ्वीकायिक, जलकायिक एवं त्रसकायिक जीवों की हिंसा होती है । रासायनिक उर्वरकों से भूमि एवं जल स्रोतों के असंख्य जीव मरते हैं , साथ ही भूमि एवं जलस्रोत…