मृत्युंजयितीर्थंकर स्तुति:
स्तुति को पढ़ने की परंपरा पुरानी है इसी क्रम में पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमति माताजी ने अपनी लेखनी से संस्कृत में सातों विभक्ति से संबंधित 24 तीर्थंकर भगवन्तों की एवं गौतम स्वामी, सरस्वती माता, ग्रंथराज षट्खंडागम एवं गुरुणाम गुरु आचार्य श्री शांतिसागर महाराज एवं दीक्षा गुरु वीरसागर जी महाराज आदि अनेकानेक स्तुतियों को बहुत ही सुंदर लिखकर एक छोटी सी पुस्तक मृत्युंजयितीर्थंकर स्तुति के नाम से हमें प्रदान किया है।