आचार्य श्री वीरसागर महाराज का परिचय
ज्ञान का सूर्य (श्रुत्रपञ्चमी पर्व-रूपक) प्रथम दृश्य सामूहिक प्रार्थना—एक गांव का दृश्य है, अनेक स्त्री पुरुष हाथों में सामान लिए,सिर पर गठरी रखे हुए गाना गुनगुनाते हुए कहीं चले जा रहे हैं, तभी पनघट से पानी भरकर घर की ओर जाती हुई महिलाओं की पूछताछ शुरू होती है— एक महिला — देखो अम्मा! ये…
विष निवारक विषापहार स्तोत्र की महिमा (कवि धनञ्जय के गृहनिवास का दृश्य है। प्रात:काल का समय है। वे तैयार होकर जिनमंदिर जाने के लिए उद्यत हैं)— धनञ्जय कवि—अरी ! सुनती हो ! पत्नी—जी, अभी आयी। (कमरे में आकर) कहिए ! क्या कार्य है ? धनञ्जय—कार्य कुछ नहीं, बस इतना बताने के लिए बुलाया कि…
उचित व्यवसाय का महत्व मनुष्य का भोजन कैसा व क्या हो इसके साथ ही यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं कि जिस धन से भोजन प्राप्त किया गया है वह धन कैसा है । महापुरुषों का कथन हैं कि उद्देश्य के साथ-साथ उसकी प्राप्ति के साधन भी उत्तम होने चाहिए । उत्तम साधन से कमाए हुए…
जैनेतर संस्कृत साहित्य मेंभगवान् वृषभदेव डा. जयकुमार जैन वर्तमान अवसर्पिणी कालचक्र के तृतीय अर में चौदह कुलकर हुए, जिनमें चौदहवें कुलकर नाभिराय एवं उनकी अर्धागिनी मरुदेवी से मति, भुत, अवधिज्ञान के धारक पुत्र का जन्म हुआ । इन्द्रों ने बालक का सुमेरु पर्वत पर अभिषेक किया और उनका नाम वृषभ रखा । वृषभदेव के…
( Karmvaad from scientific point of view ) नंदलाल जैन विश्वीय घटनाओं और लौकिक जीवन के स्वरूप के निर्णय में कर्मवाद का महत्वपूर्ण स्थान है । प्रारंभ में यह व्यक्ति-कर्मता, व्यस्लतर कर्मता, कर्म-स्थानांतर एवं समूह-कर्मता के रूप में माना गया था, पर उत्तरवर्ती काल में यह व्यक्ति-विशेषित अधिक हो गया । जैन व्यक्ति-प्रधान कर्मवाद…
सुबह जल्दी जागने की आदत डालें आज की अनिश्चित भागदौड़ भरी जिन्दगी में सोने और जागने का समय तय करना कठिन हो गया है। इसका असर सीधे स्वास्थ्य पर पड़ता है। सूर्योदय से पहले जागना स्वास्थ्य के लिये फायदेमन्द होता है। इससे दिमाग, शरीर और मन तरोताजा रहता है। सुबह की हवा ताजा होती है…
मांसाहारियों के तर्कों के उत्तर मांसाहार के औचित्य को सिद्ध करने के लिए मांसाहारी जो तर्क प्रस्तुत करते हैं उनके उत्तर इस प्रकार हैं – प्रश्न : प्रकृति जीवन के लिए संग्राम की शिक्षा देती है किन्तु इसका अर्थ दूसरों को मारना और खाना नहीं, अपितु अपने व अन्यों के जीवन की रक्षा के लिए…
[[श्रेणी:शब्दकोष]][[श्रेणी:पुत्र]] नंदन – Namdana name of a cheif disciple (Gandhar) of lord ‘Rishabhdev’, A king of Yadu dynasty, A city in the north of Vijayardh mountain. भगवान ऋषभदेव के 7 वे गणधार का नाम, यदु (यादव) वंश का एक राजा, विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर ” नंदन (कूट) – Namdana (Kuta) Name of…