रस!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस – रसना इन्द्रिय का विशय यह 6 प्रकार का होता है – दूध, दही, धी, तेल, गुड, षक्कर, नमक। काव्य का एक अंग ये नौ होते है। Rasa-Juice, liquid, sap, A kind of literary sentimental form of poem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस – रसना इन्द्रिय का विशय यह 6 प्रकार का होता है – दूध, दही, धी, तेल, गुड, षक्कर, नमक। काव्य का एक अंग ये नौ होते है। Rasa-Juice, liquid, sap, A kind of literary sentimental form of poem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिग्रह – मन वचन काय की स्वछन्द प्रवृत्ति को सम्यक् प्रकार से रोकना। Yoganigraha-Controlling the activities related to mind speech & body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रष्मिवेग – पुश्कलावती के विजयार्ध पर त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्युतगति का पुत्र था।युवावस्था में दीक्षित हुआ, योग में लीन स्थिति में एक अजगर निगल गया।समाधिपूर्वक मरने से अच्यूत स्वर्ग के पुश्कर विमान मे देव हुअ्रा। Rasmivega-The son of kind Vidyutgati of Trilokottam city situated in Pushkalavati country of Vijayardh mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रष्मिकलाप – एक हार, यह 54 लडियों का होता है। Rasmikalpa- A kind of wreath with 54 strings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगद्वार – आस्त्रव, आत्मा से बंधने के लिए कर्मो का योगरूपी नाली के द्वारा आना। Yogadvara-path of inflow of karmas into soul
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगदेव – बारस अणुुवेक्खा के रचियता एक अपभ्रंष कवि ई्र ष 15 मध्यपाद, तत्वार्थ सूत्र टीका के रचियता एक भटट्ारक ई सन् 1570 Yogadeva-Name of some great personalities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगदु प्रणिधान – सामायिक षिक्षाव्रत का एक अतिचार, मन वचन काय की दुश्ट प्रवृत्ति। Yogaduhpranidhana-bad tendencies or attitude of one (an infraction of samayik)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविशेण – वि सं 734 में पùपुराण के रचियता एक आचार्य। Ravisena- name of an Acharya who wrote Jain Ramayan called as ‘Padmapuarn’
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविवीर्य – चक्रवर्ती भरतेष का पुत्र, इसने जयकुमार के साथ तीर्थकर र्वशभदेव से दीक्षा ली थी। Ravivirya-the son of Chakravarti (emperor) of Bhartesh