श्रीपर्वत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीपर्वत – Shreeparvata. Name of a mountain of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र का एक पर्वत ” लंका को जीतकर राम ने यहाँ का साम्राज्य हनुमान को दिया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीपर्वत – Shreeparvata. Name of a mountain of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र का एक पर्वत ” लंका को जीतकर राम ने यहाँ का साम्राज्य हनुमान को दिया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनिचय – Shreenichaya. Name of a summit situated in Padmahrida (large pond), Name of the 3rd Rishi (saint) among a group of particular 7 Rishies (saints). पद्महृद में स्तिथ एक कूट, सप्त ऋषियों में से तीसरे ऋषि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदि – Shreenandi. The disciple of Sakalchandra of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु ” आपके लिए ही पद्मनंदि ने जम्बूद्वीप पण्णति लिखी थी ” अपरनाम रामनंदि, समय- ई. 968-1023 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदन – Shreenandana. The father of Saptrishi (particularly 7 saints). श्रीमन्यु आदि सप्तऋषियों के पिता ” प्रीतिंकर मुनि के केवलज्ञान के समय एक मास के पौत्र को राज्य देकर सातों पुत्रों सहित दीक्षा ग्रहण की, अंत में मुक्ति प्राप्त की “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीधर्म – Shreedharma. Past-birth soul of Lord Munisuvrata. तीर्थंकर मुनिसुव्रत के पूर्व भव का जीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीधर – Shreedhara. Name of a great Acharya, the learned one in mathematics and Astrology, Name of a poet. गणित तथा ज्योतिष विद्या के विद्वान दिगम्ब्राचार्य ” गणितसार संग्रह, ज्योतिर्ज्ञानविधि, जातक तिलक, लीलावती (कन्नड़) के रचयिता (समय- ई. 799-865) ” एक अपभ्रंश कवि सुकुमाल चरिउ के रचियता (समय ई. 1151) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीदत्त – Shreedatta. Name of a great Acharya of the basic lineage of Lord Mahavira, Name of another Acharya-the writer of ‘Jalp Nirnay Granth’. भगवान महावीर की मूल परम्परा में लोहाचार्य के बाद हुए एक अंगधारी आचार्य (समय ई. 38-58)” एक प्रसिद्ध तार्किक दिगम्बराचार्य, जल्प निर्णय ग्रन्थ के रचयिता (समय-ई. श. 4 का उतरार्ध)…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीचंद्र – Shreechandra. Name of a king of Kuru dynasty, The 6th predestined Balbhadra. कुरुवंशी एक राजा, मंदर का पुत्र एवं सुप्रतिष्ठ राजा का पिता जो अंत में सुमंदर यति से दीक्षा ले मुक्ति गये ” आगामी छठा बलभद्र, महापुराण में इन्हें 9वां बलभद्र कहा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीकूट – Shreekoota. The 6th summit of Himvan Kulachal (mountain), Name of the 33rd city in south of Vijayardh mountain. हिमवान कुलाचाल का छठा कूट, विजयार्थ की दक्षिणश्रेणी का 33वां नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीकांता – Shreekaantaa. Mother’s name of Jaina Lord Kunthynath, The Vapis (like large lakes) in the forest (Nandan etc.) of Sumeru mountain. तीर्थंकर कुंथुनाथ की माता राजा शूरसेनी की रानी, सुमेरु पर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित वापियां “