स्ववृत्ति!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववृत्ति – Svavrtti. Contemplatlion about self. आत्मा मे प्रवृत्ति रुप ध्यान अर्थात् बाह्म चिंताओ से निवृत्ति होना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववृत्ति – Svavrtti. Contemplatlion about self. आत्मा मे प्रवृत्ति रुप ध्यान अर्थात् बाह्म चिंताओ से निवृत्ति होना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्ववात्सल्य – Svavaatsalya. Self affection. वात्सल्य के दो भेदो मे एक भेद। स्वद्रव्य मे रति अर्थात् अपनी आत्मा से सम्बन्ध रखने वालाक वात्सल्य प्रधान है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववष – Svavasa Own control or self controlled. आत्मवष, जो परभाव को त्यागकर निर्मल स्वभाव वाले आत्मा को ध्याता है वह स्ववष है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्ववचनबाधित – Svavacanabaadhita. Self obstructive speech. बाधित विषय हेत्याभास के 4 भेदो मे अंतिम भेद। जिसके साध्य मे अपने वचन से ही बाधा आती है। जैसे- मेरी माता बन्ध्या है क्योकि पुरुष का संयोग होने पर भी उसके गर्भ नही ठहरता।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्ण सुहागिनी – Svarna Suhaaginii. A special fortunate married woman, whose parents, in law, husband & son all are alive. She gets the golden chance to prepare Kalkachurna (liquefied powdered compound of sandal etc.) for Tilakdaan in Panchalyanak Pratishtha. एक विषेष सौभाग्यवती महिला, जिसके माता-पिता, सास ससुर, पति-पुत्र जीवित हो। इनके द्वारा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णरेखा – Svarnarekhaa. A line of gold originated from Girnar mountain of Saurashtra. सौराष्ट्र देश मे गिरनार पर्वत से निकली है। इसके रेत मे सोने का सूक्ष्म अंष अब भी पाया जाता है। यह सुवरणा नाम से प्रसिद्वि है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमयी – Svarnamayii. The 7th circumference of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत की सातवीं परिधि जो सुवर्णमयी है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमध्य – Svarnamadhya. Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णभद्र – Svarnabhadra. Name of the tonk (salvation point) of lord Parshvanath at Sammedshikhar mountain. Name of a summit of Vijayardh mountain and its protecting deity. सम्मेदषिखर मे पर्वत पर भगवान पाष्र्वनाथ की टोंक का नाम, विजयार्ध पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वर्णनाभ – Svarnanaabha. Name of the 17th city in the south of Vijayardha mountain, name of a king of Arishtapur. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 17वां नगर, अस्ष्टिपुर नगर का राजा। कृष्ण की रानी पद्यावती का पिता।