पाल्यकीर्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाल्यकीर्ति – Palyakirti. Name of an Acharya who wrote a book ‘Shabdanushasan’. शब्दानुशासन ग्रंथ के रचयिता एक आचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाल्यकीर्ति – Palyakirti. Name of an Acharya who wrote a book ‘Shabdanushasan’. शब्दानुशासन ग्रंथ के रचयिता एक आचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायमकरंद – Nyaaymakaranda. See – Nyaaydeepaawali. देखें – न्यायदीपावली “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालिकुंचन – Palikumcana. A type of infraction concerning to matter, area, time etc. (reg. wrong statement). भगवती आराधया में वर्णित आतिचार के अनेक भेदों में एक भेद; द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव के आश्रय से हुए आतिचार का अन्यथा कथन करना. जैसे, सचित्त पदार्थ का सेवन करके अचित्त का सेवन किया ऐसा कहना इत्यादि…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रासन – Bhadrasana. A specific reverential place at Pandukshila. पाण्डुकशिला पर स्थित एक आसन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायभागमतसमुच्चय – Nyaayabhaagamatasamuchchaya. Name of a book written written by Pandit Jaichand Chhabra. पं. जयचन्द छाबरा (ई.1763-1829) कृत एक न्याय ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालना – Palana. A cradle. नवजात शिशु का झूला; तीर्थंकर-शिशु रत्नों के पालने में झूलते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्राश्वपुर – Bhadrasvapura. Name of a city in the north of Vijayardha moun-tain. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालकी – Palaki. Palanquin. एक प्रकार की विशेष सवारी. जिसे मनुष्य लोग कंधे पर रखकर पैदल चलाते हैं. तीर्थंकर भगवान देवों द्वारा लाई गई पालकी में बैठकर दीक्षावन की ओर गमन करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पालंब – Palamba. Name of a great omniscient in the Tirtha of Lord Mahavira. भगवान वीर के तीर्थ में हुए १० अन्तकृतकेवलियों में एक केवली “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रावलि – Bhadravali. The 76th chief disciple of Lord Rishabhadev. तीर्थकर वृषभदेव के ७६ वें गणधर का नाम “