बाल ब्रह्मचारी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाल ब्रह्मचारी – Bala Brahumacari. A celibate from childhood. बालपने से ही ब्रह्मचर्य वृत को पालने वाला “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाल ब्रह्मचारी – Bala Brahumacari. A celibate from childhood. बालपने से ही ब्रह्मचर्य वृत को पालने वाला “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पाक्षिक प्रतिक्रमण – Paakshika Pratikramana. A type of repentance for the faults of 15 days. प्रतिक्रमण का एक भेद; पाक्षिक अर्थात् 15 दिन में लगे हुए दोषों को दूर करना ” जैन साधू प्रत्येक चतुर्दशीको पाक्षिक प्रतिक्रमण करते हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पांशुमूल – Paanshumoola. A city situated in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर्युपासना – Paryupaasana. Service, devotion. समर्पण व सेवा का भाव होना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परिमाणगत प्रत्यय :A type of renunciation. प्रत्याख्यान का एक भेद “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परिपुष्ट: Stout, strong well-nourished. पुष्ट, दृढ, स्थूल शरीर वाला “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परिग्रहानंदी रौद्र्ध्यान: – Parigrahnandee Raudradhyaana. Deep involvement in the lust of wealth. तीव्र लोभ के वशीभूत होकर धन-धान्यादि परिग्रह के अर्जन और संरक्षणमें दिन रात लगे रहना और इसी में आनंद मानना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वदेव – Parsvadeva. Disciple of Yashdevacharya and who wrote Sangitsamaysar. संगीतसमयसार के रचयिता एवं यशदेवाचार्य के शिष्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वकृष्टि – Parsvakrsti. A type of Krishtics (gradual destruction of passions). पहले समय में की गई कृष्टि के समान ही अनुभाग लिये जो नवीन कृष्टि द्वितीयादि समयों में की जाती है, पूर्व कृष्टि के पार्श्व में ही उनका स्थान होने से वह पार्श्व कृष्टि कहलाती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्वतेय – Parvateya. A type of Vidyadhars of Matang caste. मातंग्ड जाति विध्याधरों का एक भेद; हरे रंग के वस्त्रों से तथा नाना प्रकार की माला व् मुकुटों से युक्त “